शनैश्चरी अमावस्या पर साल का पहला सूर्य ग्रहण 2022! 100 सालों में बन रहा है ऐसा संयोग

सूर्य ग्रहण 2022: अप्रैल का महीना खत्म होने की कगार पर है। इस साल 30 अप्रैल को शनि अमावस्‍या के दिन सूर्य ग्रहण लगेगा। इससे ठीक एक दिन पहले शनि अपनी राशि परिवर्तन कर रहा है। इस दिन सूर्य ग्रहण के लगने से पहले हमे क्या करना चाहिए। ऐसी बहुत सी मान्यताएं ज्योतिष शाश्त्र में कही गई हैं! इनको जानना बहुत जरूरी है। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस प्रकार इसका सूतक काल भी मान्य नहीं है। इन मान्यताओं के पीछे धार्मिक या वैज्ञानिक बहुत से तथ्य छिपे होते हैं।

सूर्य ग्रहण 2022 की तारीख और समय 

इस वर्ष का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल को लगेगा। 

यह मध्यरात्रि 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा। 

इसका समापन सुबह 4 बजकर 7 मिनट तक रहेगा।  

यह एक आंशिक सूर्यग्रहण होगा। 

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आखिरकार कब लगता है सूर्य ग्रहण 

कब लगता है सूर्य ग्रहण

इसका वैज्ञानिक तर्क है। जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है! तब वो सूर्य को ढक लेता है। इस अवस्था में सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंचती। इस पूरी प्रक्रिया को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। दूसरी तरफ जब चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढकता है! तो सूर्य की किरणें धरती पर कम मात्रा में ही पहुँचती हैं। इसको आंशिक सूर्यग्रहण कहा जाता है। जब चंद्रमा सूर्य के मध्य भाग को ढकता है! तो सूर्य एक अंगूठी के आकार में नजर आने लगता है। इस स्थिति को वलयाकार सूर्यग्रहण कहा जाता है। 

शनि का दुर्लभ संयोग जो कई वर्षों बाद बन रहा है

शनि का दुर्लभ संयोग

शनि, सूर्य के पुत्र हैं। शनि देव को समर्पित किया गया दिन शनिवार है। इस दिन अमावस्‍या भी पड़ रही है। 30 साल बाद शनि अपनी ही राशि कुंभ में प्रवेश कर रहे हैं। ज्‍योतिष के अनुसार पिता-पुत्र यह अनूठा संयोग करीब 100 साल के बाद बन रहा है। 

29 अप्रैल को शनि का राशि परिवर्तन भी हो रहा है। वो मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए यह दुर्लभ संयोग हर मायने में बहुत खास है। इसके बाद शनैश्चरी अमावस्या के साथ चैत्र का महीना समाप्त हो जाएगा। 

ग्रहण से पहले करें ये काम 

करें ये काम 

इस बार का सूर्य ग्रहण रात में लग रहा है। इसलिए यह भारत में नहीं दिखेगा। परन्तु फिर भी सूर्य ग्रहण लगने से पहले इन बातों को जान लें:  

  • हिंदू धर्म में मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। इस प्रकार ग्रहण लगने से पहले उसमें तुलसी के पत्ते डाल लें। इससे वो भोजन खाने योग्य बना रहता है। 
  • गर्भवती स्त्रियों को इस दौरान घर के अंदर ही रहना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान सूर्य की हानिकारक किरणें स्त्री और उसके होने वाले बच्चे पर प्रभाव डालती हैं। इस समय गर्भवती महिलाओं को तेज धार वाले औजार जैसे (चाकू या कैंची) का उपयोग भी नहीं करना चाहिए। यह अशुभ माना जाता है। 
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यग्रहण के समय कोई पूजा-पाठ न करें। ऐसा करना भी अशुभ माना जाता है। मंदिरों में भी प्रवेश नहीं करना चाहिए। 
  • इस दौरान अपने ईष्ट देवता के मंत्रों का जाप करना शुभ होता है। “गायत्री मंत्र या महामृत्युजंय मंत्र” का जाप कर सकते हैं। मन्त्रों के जाप में परेशानी हो तो शिव मंत्र “ऊं नम: शिवाय” का जाप क्र सकते हैं। 

सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद करें ये काम

ग्रहण समाप्त के बाद काम
  • सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद पूरे घर की अच्छे से साफ-सफाई करें। 
  • इसके बाद पानी में गंगाजल मिलाकर उससे स्नान करें। 
  • गरीबों और जरूरमंदों को दान दें। 
  • किसी पवित्र नदी में स्नान कर पितरों का तर्पण भी कर सकते हैं। 
  • घर की नकारात्मकता को दूर करने के लिए नमक मिले पानी से पुरे घर में पोछा लगायें। 
  • ग्रहण के बाद ही भोजन बनाए और खाएं। ग्रहण से पूर्व बने भोजन का सेवन न करें। 
  • गाय को चारा खिलाएं। 

Sandeep Singh

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